तुमने सिर्फ़ परछाइयाँ देखीं, ना देखा मेरा मन
ये सब तो कथाएं थीं, जो मैंने देखीं होकर सत्तब्ध
समय कि सिहाई कभी ख़त्म नहीं हुई
तो विचारों कि दवात पर कभी नज़र नहीं गई
पन्ने बहुत थे उस डायरी में
वो कलम थी जो बस बे-सुध चलती रही
ये मेरा मेरे से ही संवाद था
2 comments:
The title reminded me to listen to my favourite singers song 'Meri Kahani' - Atif Aslam.
Nice poem..you have a beautiful way with Hindi...nice to see u blogging Paras:)
:) thanks vinaya
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