अन्गिनत किस्से सुने
पढ़ी व्याखाएं सौ
हमेशा इसने विस्मित किया
जला के एक नयी लौ
ज़रूरी नहीं इसकी बोली सुनी जाए
ये तो शांत नदी है जो चुप चाप बहती जाये
'मैं' को कहाँ जानता है यह
'हम' से ही रिश्ता निभाता है यह
दो आत्माओं को जोड़
एक सांस बनाता है यह
देखा है इसको अपनों में
बेफ़िक्री के अनेकों किस्सों में
देखा है इसको इनकी आँखों में
ना होते हुए भी सहमत, इनकी बातों में
इनके साथ में, इनकी बात में
और देखा इनकी बीती हर एक रात में
साथ थे साथ हैं साथ रहेंगे
शायद ही कभी दूरी कि शिकायत करेंगे
मान कमाया प्यार कमाया
ख़ुद को भूल, अपनों पे ख़ुद को मिटाया
अधूरी आशाओं का क्या
जो पाया उसमे ही संतोष जताया
मैं तो मात्र साक्षी था इनकी शक्ति का
समय का भी निराला खेल था परिस्थिथि का
मन है फिर साक्षी बनने का
इनके जीवन को दोबारा देखने का
मालूम है ऐसा हो ना पायेगा, यह सिर्फ़ इच्छा ही तो है
ना भी पूरी हुई तो सोचने में क्या जायेगा
देखा है इसको अपनों में
बेफ़िक्री के अनेकों किस्सों में
देखा है इसको इनकी आँखों में
ना होते हुए भी सहमत, इनकी बातों में
इनके साथ में, इनकी बात में
और देखा इनकी बीती हर एक रात में
साथ थे साथ हैं साथ रहेंगे
शायद ही कभी दूरी कि शिकायत करेंगे
मान कमाया प्यार कमाया
ख़ुद को भूल, अपनों पे ख़ुद को मिटाया
अधूरी आशाओं का क्या
जो पाया उसमे ही संतोष जताया
मैं तो मात्र साक्षी था इनकी शक्ति का
समय का भी निराला खेल था परिस्थिथि का
मन है फिर साक्षी बनने का
इनके जीवन को दोबारा देखने का
मालूम है ऐसा हो ना पायेगा, यह सिर्फ़ इच्छा ही तो है
ना भी पूरी हुई तो सोचने में क्या जायेगा