पता नहीं ये तार कहाँ जुडे हैं, आज उम्मीद के
पंख ले आज़ादी के आकाश में हम उडे हैं
ना जाने हमें कहाँ है जाना
ना जाने कहाँ है अपना ठिकाना
अब तो बस सूरज का पीछा करते करते
ये मद्धम उड़ान हम ले चुके हैं
शायद और ऊँचा होगा जाना, उन बादलों
के पार एक रास्ता जो है बनाना
कुछ नए परिंदों से है यारी करनी
कुछ नए सपनों की रचना जो है रचनी
कई दरियाओं को है पार करना, शायद
मंज़िल से ज्यादा इस सफ़र को है प्यार करना
हर छोटे बडे मोती को अपनाना होगा
वक़्त को थोडा वक़्त दे इस माला को बनाना होगा
हर छोटे बडे मोती को अपनाना होगा
वक़्त को थोडा वक़्त दे इस माला को बनाना होगा
आशाएं साथ रहेंगी और समय परीक्षा लेगा
ऐसे में सबर और हौसला ही साथ देगा
ये सफ़र मेरा है और ये उड़ान भी
आशाएं भी तो मेरी हैं और ये सवेरा भी
ये सफ़र मेरा है और ये उड़ान भी
आशाएं भी तो मेरी हैं और ये सवेरा भी
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Image Courtesy : Harry Richards (http://fineartamerica.com/featured/flight-of-hope-harry-richards.html ) |